Sikh Konsa Daan Mangta Hain? गुरसिख हर रोज कौनसा, किससे और क्यों दान मांगता हैं? सिख धर्म में दान का क्या अर्थ है?

 गुरसिख हर रोज कौनसा, किससे और क्यों  दान मांगता हैं?

क्या आपको पता हैं कि गुरु के सिख भी दान मांगते हैं। एक गुरसिख हर समय कोनसा दान मांगता हैं। ये दान किससे और क्यों मांगता हैं ? आइये जानते हैं इसके बारे आगे👉 

आज कोई भी गुरु का सिख हो चाहे वह अमीर हो या चाहे वह गरीब हो, अपने हर रोज की दिनचर्या में दिन-रात दान मांगता हैं। वह एक ,दो नही पूरे सात दान मांगता हैं। 

गुरसिख ये दान अकाल पुरख से मांगता हैं जिसका जिक्र सिख पंथ द्वारा रचित अरदास में दसवे गुरु द्वारा रचित चंडी दी वार का पहला पद और  पाँच प्यारो और चार साहिबजादो और अन्य सिख शाहीदों को याद करते हुए दान के बारे बताया हुआ हैं। यह दान खुशी हो या निराशा, दोनों ही दशा में मांगना हैं। 

हम इंसान अपनी इच्छाओ को पूरा करने के लिए उस अकाल पुरख  (परमात्मा) से कुछ न मांगता ही रहता हैं। जैसे गुरबानी में भी कहा गया हैं -

ਹਮ ਕੂਕਰ ਤੇਰੇ ਦਰਬਾਰਿ ॥ ਭਉਕਹਿ ਆਗੈ ਬਦਨੁ ਪਸਾਰਿ ॥

हम कूकर तेरे दरबारि ॥ भउकहि आगै बदनु पसारि ॥

मैं तेरे दरबार का कुत्ता हूँ और मैं भौकने (मांगने )लग जाता हू जब किसी चीज की जररूत होती हैं।   

Bhagat Kabir ji / / Guru Granth Sahib ji - Ang 969


Aardas



इसलिए एक गुरसिख को क्या मांगना हैं कोनसा दान मांगना हैं और किस लिए मांगना हैं वो इस प्रकार हैं -

👉सिखी दान: सीखने की कला का दान 
👉केस दान: अपने केशो की देखभाल करने का दान 
👉रहित दान: रहत मर्यादा के नियमो का पालन का दान  
👉विवेक दान: उत्तम बुद्धि और सोच प्रदान करने का दान   
👉विसाह दान:  गुरबानी और सिख धर्म के नियमो पर यकीन करने का दान 
👉भरोसा दान: उस परमात्मा पर भरोसा रखने का दान   
👉सबसे बड़ा दान नाम दान: परमात्मा के नाम का सिमरण करना    

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