APNE PANCH VIKARO SE KAISE JEETA JAYE? अपने पाँच विकारो से, अपने आप से युद्ध को कैसे जीता जाए ?

 

अपने पाँच विकारो से, अपने आप से युद्ध  को कैसे जीता जाए ? 

सिख धर्म में "अपने आप से युद्ध" का गहरा और महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अर्थ है। यह आत्मा और मन के बीच के संघर्ष को संदर्भित करता है, जिसमें व्यक्ति को अपने भीतर के पाँच विकार  काम ,क्रोध ,लोभ , मोह, अहंकार, और बुरी आदतों से लड़ना होता है।

सिख धर्म में अपने आप से युद्ध करने के लिए कहा गया हैं :

👉पंच विकारों से लड़ाई: सिख धर्म में पाँच विकार (काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार) को मानव की आध्यात्मिक प्रगति के मुख्य बाधक माना गया है। इनसे लड़ना और इन्हें नियंत्रण में लाना आत्मसंघर्ष का हिस्सा है।

ਇਸੁ ਦੇਹੀ ਅੰਦਰਿ ਪੰਚ ਚੋਰ ਵਸਹਿ ਕਾਮੁ ਕ੍ਰੋਧੁ ਲੋਭੁ ਮੋਹੁ ਅਹੰਕਾਰਾ  ਅੰਮ੍ਰਿਤੁ ਲੂਟਹਿ ਮਨਮੁਖ ਨਹੀ ਬੂਝਹਿ ਕੋਇ ਨ ਸੁਣੈ ਪੂਕਾਰਾ॥

(इस देही अंदर पंच चोर वसहि काम क्रोध लोभ मोह अहंकारा। अमृत लुटेह मनमुख नही बुझे कोई न सुने पुकारा ।)
अर्थ : इस शरीर में हमारे पाँच शत्रु हैं: काम, क्रोध , लोभ, मोह और अहंकार जो आत्मा को परमात्मा से मिलने से रोकती हैं। हमारे अंदर के अमृतमय गुणो को लूटती हैं। 

👉गुरुबाणी का संदेश: गुरु ग्रंथ साहिब बार-बार आत्म-जागृति और आत्मसंयम की शिक्षा देता है। इसमें मन को "चंचल" और "दुश्मन" के रूप में दिखाया गया है, जिसे गुरुओं की शिक्षाओं और ध्यान से वश में करना चाहिए।
                                                       "मन जीतै जग जीत"
                  (यदि आपने अपने मन को जीत लिया, तो आपने पूरी दुनिया को जीत लिया)।

नाम सिमरन (भगवान का स्मरण): सिख धर्म में ईश्वर का नाम सिमरन करना (जपना) आत्मसंघर्ष का मुख्य साधन है। यह मन को स्थिर करने और विकारों पर विजय पाने में मदद करता है।

👉सेवा (निस्वार्थ सेवा): आत्मसंघर्ष का एक और उपाय निस्वार्थ सेवा है। यह अहंकार को कम करता है और व्यक्ति को ईश्वर के करीब लाता है।

👉गुरु की शरण: सिख धर्म में गुरु को मार्गदर्शक माना गया है। अपने संघर्षों में सफलता पाने के लिए गुरुओं की शिक्षाओं का पालन करना अनिवार्य है।

समाधान:

  • नाम जपना: ईश्वर के नाम का लगातार स्मरण करें।
  • कीर्तन: भक्ति गीतों के माध्यम से अपने मन को शुद्ध करें।
  • संगत: अच्छे लोगों की संगत में रहकर सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करें।
  • सेवा: दूसरों की मदद करके अपने अहंकार को समाप्त करें।

सिख धर्म में "अपने आप से युद्ध" का उद्देश्य आत्मज्ञान प्राप्त करना और भगवान की इच्छा (हुक्म) में जीवन जीना है। यह संघर्ष व्यक्ति को सच्चे अर्थों में धार्मिक और आध्यात्मिक बनाता है।

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