सिख धर्म का महान व पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब के बारे जानते हैं 👇
💁आइये जानते हैं गुरु ग्रंथ साहिब में सिख गुरुओं को छोड़कर कितने संतो की बाणी में शामिल हैं? इसे गुरु की उपाधि किसने और कब दी , कितने भगत, पीर , गुरसिखों की बाणी हैं ?
गुरु ग्रन्थ साहिब जी का लेखन पंजाबी गुरुमुखी लिपि में हुआ है। गुरु ग्रन्थ साहिब की भाषा को 'सन्त भाषा' भी कहते हैं जिसमें बहुत सी भाषाओं, बलियों और उपबोलियों का मिश्रण है जिसमें हिंदी, पंजाबी, ब्रजभाषा, खड़ी बोली, संस्कृत और फारसी आदि प्रमुख हैं।
1705 में दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह जी ने दमदमा साहिब गुरद्वारा , तलवंडी साबों , पंजाब में गुरु तेगबहादुर जी के बाणी जोड़कर इसको पूर्ण किया, इनमे कुल 1430 अंग (पृष्ठ) है जोकि सिख धर्म में पृष्ठ को अंग कहते हैं।
गुरु ग्रन्थ साहिब जी में 1430 अंग में 5894 शब्द जोकि 31 रागो में हैं।
गुरु गोबिन्द सिंह जी (1666-1708 ईस्वी ) ने अपना भौतिक शरीर का त्याग करने से पहले 1708 में " श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी " को गुरु की उपाधि दी और कहा -
सब सिखन को हुकम है गुरु मान्यो ग्रन्थ।
यह एक ऐसा धर्म ग्रँथ है जिसे गुरू रूप में प्रवान किया हुआ है। यह दुनिया का एक ही ग्रँथ है जिसे प्रकाश करना, सँतोखना, हुक्म लेने का विभिन्न विधि-विधान है।
गुरु ग्रंथ साहिब में कुल 6 सिख गुरुओं के कुल शब्द :
1. गुरु नानक देव जी (1469-1539 ईस्वी): 974 शब्द
2. गुरु अंगद देव जी (1504-1552 ईस्वी): 62 शब्द
3. गुरु अमर दास जी (1479-1574 ईस्वी): 907 शब्द
4. गुरु राम दास जी (1534-1581 ईस्वी): 679 शब्द
5. गुरु अर्जन देव जी (1563-1606 ईस्वी): 2218 शब्द
6. गुरु तेग बहादुर जी (1621-1675 ईस्वी): 116 शब्द
गुरु ग्रंथ साहिब में कुल 15 भक्तों की बाणी (661 शब्द):
भक्त कबीर, नामदेव, रविदास ,फरीद, जयदेव, त्रिलोचन, परमानंद, सधना, भीखन, सूरदास, पीपा, रामानंद, सेन नानक, धन्ना, भारती।
गुरु ग्रंथ साहिब में कुल 11 भट्ट की बाणी (123 शब्द):
भट्ट बल्ह, भलह,भीका , गयनन्द ,हरबंस , जलप , किरत, कलशर, मथुरा, नल, साल्ह।
गुरु ग्रंथ साहिब में कुल 5 पीरों की बाणी (144 शब्द):
भगत फरीद, भीखन, बेणी, सधाना, धन्ना।
गुरु ग्रंथ साहिब में कुल 5 गुरसिख की बाणी (87 शब्द):
भाई सत्ता , बलवंड राय , मरदाना, सुंदर , प्यारा ।
गुरु ग्रंथ साहिब की कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं:
1. पवित्र ग्रंथ: गुरु ग्रंथ साहिब को सिख धर्म का पवित्र ग्रंथ माना जाता है।
2. सिख धर्म का मूल: गुरु ग्रंथ साहिब सिख धर्म के मूल सिद्धांतों और शिक्षाओं को प्रस्तुत करता है।
3. आध्यात्मिक ज्ञान: गुरु ग्रंथ साहिब में आध्यात्मिक ज्ञान और आत्म-साक्षरता के बारे में विस्तार से बताया गया है।
4. नैतिक मूल्य: गुरु ग्रंथ साहिब में नैतिक मूल्यों और जीवन के उचित तरीके के बारे में शिक्षा दी गई है।
5. सामाजिक न्याय: गुरु ग्रंथ साहिब में सामाजिक न्याय और समानता के बारे में विस्तार से बताया गया है।
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